शहर के फुटपाथ और अन्य दुकानदारों की समस्या को लेकर सड़क से सदन तक आवाज उठाने की कही बात

सिमडेगा:सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने नगर परिषद के निर्णय के खिलाफ आंदोलनरत हुए मार्केट कंपलेक्स दुकानदारों के आंदोलन का समर्थन किया है। विधायक श्री बाड़ा ने कहा कि कोरोना लॉक डाउन के कारण जिले के व्यपारी वर्ग तबाह और परेशान है। फुटपाथ दुकानदारों सहित शहर के सभी व्यवसायी आर्थिक तंगहाली से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का काम कर रही है। लेकिन जिला प्रशासन और नगर परिषद लोगों को बेरोजगार और भुखमरी की ओर धकेल रही है। पिछले वर्ष भी नगर परिषद शहर को सुंदर और व्यवस्थित करने के नाम पर बड़े पैमाने पर तोड़ फोड़ अभियान चलाया था। तब भी हमने इसका विरोध भी सदन के माध्यम से किया था। पिछले वर्ष हुए अतिक्रमण अभियान के बाद शहर कितना सुन्दर और व्यवस्थित हुआ या किसी को बताने की जरूरत नहीं है। उस अभियान से शहर तो सुन्दर और व्यवस्थित नहीं हुआ। इस अभियान से कइयों के घर मे चूल्हा जरूर नहीं जला होगा। कई लोग मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हुए होंगे। अभियान के बाद शहर सुन्दर और व्यवस्थित होने के बजाय कीचड़ में बसा नजर आता है। नगर परिषद और प्रशासन द्वारा चले अभियान से जगह जगह इंटा पत्थर और मिट्टी का ढेर जमा हो गया। इससे हल्की बारिश होते ही शहरी क्षेत्र खासकर मार्केट कम्पलेक्स कीचड़मय हो जाता है। वहीं बोल्डर और इंट के टुकड़े से लोग हादसों का भी शिकार हुए। विधायक ने कहा कि उस अतिक्रमण अभियान से शहर के फुटपाथ और अन्य व्यवसायी उबरे भी नहीं थे कि एक बार फिर नगर परिषद और प्रशासन ने लगातार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर दुकानदारों को परेशान करने के साथ साथ शहर को सुंदरता को खत्म करने का काम किया है।विधायक ने कहा कि एक तो केंद्र में बैठी भाजपा सरकार का जीएसटी, होल्डिंग टैक्स सहित कई प्रकार के टैक्स भरते भरते व्यवसायी वर्ग परेशान है। अब प्रशासन और नगर परिषद अतिक्रमण हटाओ अभियान की बात कहते हुए दुकानदारों से दुकान के बाहर बने बरामदे पर भी नजर लगाते हुए बरामदे का भी भाड़ा की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि वे शहर के व्यव्सायी वर्ग के आंदोलन के साथ खड़ा रहने की बात कही है। विधायक श्री बाड़ा ने कहा कि वे शहर के ब्यापारियो की समस्याओं को लेकर सड़क से सदन तक आवाज उठाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो ब्यापारियो के साथ चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। उन्होंने प्रशासन को सख्त निर्देश दिया कि अतिक्रमण के कारण बेरोजगार हुए लोगों के लिए पहले स्थाई समाधान निकालें। उसके लिए दुकान की व्यवस्था करें।